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कोरोना तो शुरुआत आगे भी खामियाजा भुगतेगी दुनियां चीन की दुनिया को धमकी ।

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अमेरिका की ओर से दबाव बढ़ाए जाने के बाद चीन ने पूरी दुनिया को नुकसान झेलने की धमकी दी है. चीनी सरकार के नियंत्रण वाले अखबार ग्लोबल टाइम्स ने मंगलवार को छपे संपादकीय लेख में कहा है कि अमेरिका तमाम बड़े देशों को चीन के खिलाफ उकसा रहा है और अपने पक्ष में कर रहा है. इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा । चीन के प्रमुख अखबार में लिखी धमकी चीन के प्रमुख अंग्रेजी अखबार ने कहा है कि अमेरिका अपना प्रभाव बढ़ा रहा है और दुनिया इसका खामियाजा भुगतेगी. अमेरिका उन तमाम देशों को अपना समर्थन दे रहा है जिनसे चीन का क्षेत्रीय विवाद रहा है. अमेरिका पश्चिमी देशों के साथ-साथ एशियाई देशों को भी चीन के विरोध करने के लिए उकसा रहा है । चीनी अखबार ने कहा है कि चीन का बाजार अमेरिका के बराबर ही है. करीब 100 देशों के साथ चीन के व्यापारिक संबंध हैं, लेकिन अमेरिका ऐसे संबंधों को खराब करने की कोशिश कर रहा है. लंबे वक्त तक दुनिया को इसकी कीमत चुकानी होगी । क्या छपा है ग्लोबल टाइम्स में ? ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है - 'दुनिया को लंबे वक्त तक नुकसान झेलना होगा. फिलहाल जो कोविड-19 महामारी चल रही है वह सिर्फ पहली लहर ...

CAA और NRC पर इतिहास क्या कहता है

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आखिर क्या है नागरिकता कानून और क्या ये सच में मुस्लिम विरोधी हैं ? नागरिकता कानून अर्थात विदेशी मूल के नागरिकों को भारत की नागरिकता देना ! नागरिकता कानून 2019 ये कहता है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आए छह धर्मो के नागरिकों को नागरिकता देने की अवधि 11 वर्षो से घटाकर 5 वर्ष कर दी गई अर्थात अगर कोई अल्पसंख्यक इन तीन देशों से आता है तो नागरिकता कानून 1955 के तहद जो कानून बनाया गया था जिसके अनुसार पहले उसकी भारत में रहने की आयु 11 वर्ष थी उसे घटाकर 5 वर्ष कर दिया गया है लेकिन में मुस्लिम इसका विरोध यह कह कर कर रहे हैं कि इसमें मुस्लिमो को क्यों शामिल नहीं किया गया है ! उनका कहना है कि यह अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है । देश का इतिहास क्या कहता है इसपर ? # 26sep 1947 में महात्मा गांधी ने अपनी प्रस्तावना सभा में कहा कि पाकिस्तान से आए सभी हिन्दू तथा सिक्खों को ना केवल नागरिकता देना वल्कि उनका जीवन वेहतर बनाना हमारा कर्तव्य है । # 25nov 1947 को जवाहरलाल नेहरू की कमेटी का रेजोल्यूशन है कि हम पाकिस्तान से आए सभी नोन मुस्लिम को नागरिकता देंगे और भविष्य में भी देते रहेंगे । औ...

मोदी की तरह हिंदू हृदय सम्राट बनाने की राह पर कपिल मिश्रा ?

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क्या मोदी की राह पर कपिल मिश्रा ? आज हम ये बात इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जिस प्रकार 2002 में मोदी एक हिंदू हृदय सम्राट के चेहरे के रूप में सामने आए थे आज उसी प्रकार कपिल मिश्रा सामने आ रहे हैं । हम आपको बता दें कि 2002 दंगो के बाद मोदी पर भी दंगे भड़काने का आरोप लगा था हालांकि वो आरोप साबित नहीं हुए । उसी प्रकार आज कपिल मिश्रा पर भी दिल्ली में मचे बवाल पर सवाल उठाए जा रहे हैं !  क्या कहता है सोशल मीडिया यूजर कपिल मिश्रा के बारे में ? सोशल मीडिया पर एक्टिव यूजर ज्यादातर कपिल मिश्रा का साथ देते नजर आ रहे हैं । कोई उन्हे हिन्दुओं का मसीहा मान रहा है तो कोई कह रहा है कि कपिल मिश्रा इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं ! लोगो ने ट्विटर पर एक पूरा कैंपेन चला रखा है जहां वो कपिल मिश्रा को पूरा समर्थन देते नजर आ रहे हैं । आखिर कैसे बने कपिल मिश्रा दिल्ली के हिन्दुओं के मसीहा? कपिल मिश्रा दिल्ली चुनाव से ही अपने तीखे बयानों की वजह से चर्चा में बने हुए हैं लेकिन असली बबाल तब शुरू हुआ जब उन्होंने जाफराबाद में CAA के समर्थन में हुई एक रैली के दौरान शाहीन बाग में हो रहे प...

कपिल मिश्रा पर मचे बवाल पर बीजेपी की रणनीति ?

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कपिल मिश्रा पर मचे बवाल पर बीजेपी के नेताओं का क्या स्टैंड है ? कपिल मिश्रा दिल्ली बीजेपी के नेता है और बीजेपी के मॉडल टाउन से पूर्व प्रत्याशी है । वो अपने बयानों की वजह से पहले से ही चर्चा का विषय बने रहते हैं । कपिल मिश्रा उस वक्त चर्चा में आए जब उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़ बीजेपी का दामन थामा और दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए । उसके बाद वो लगातार आम आदमी पार्टी को निशाने पर लेते रहे हैं लेकिन उनकी बातें तब खासा चर्चा का विषय बन गई जब शाहीन बाग में बैठे लोगों को उन्होंने पाकिस्तान से जोड़ा तथा दिल्ली में होने वाले 2020 विधानसभा चुनाव को भारत पाकिस्तान के बीच का चुनाव बताया जिसके बाद चुनाव आयोग द्वारा उन पर 48 घंटे का बैन लगा दिया गया । लेकिन वो एक बार फिर से चर्चा में हैं और इसकी वजह शाहीन बाग में हो रहे CAA के खिलाफ प्रदर्शन पर दिया एक बयान है जिसमें उन्होंने कहा कि हम शाहीन बाग में बैठे लोगों को 3 दिन का अल्टिमेटम देते हैं अगर शाहीन बाग खाली नहीं हुआ तो हम खुद खाली करवा देंगे जिसके बाद शाहीन बाग और अलग अलग जगह प्रदर्शन हुए जिसमें हिंसा में एक पुलिस क...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात के मायने ।

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   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच आज फिर मुलाकात होगी। संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर मंगलवार को न सिर्फ मोदी और ट्रंप के बीच मुलाकात होगी, बल्कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी होगी। ह्यूस्टन में हाउडी मोदी कार्यक्रम में दोनों नेताओं के मुलाकात के दो दिन बाद ही संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र से इतर मोदी और डोनाल्ड ट्रंप द्वीपक्षीय बैठक करेंगे।  बताया जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी के बीच स्थानीय समय के अनुसार 12.15 बजे और भारतीय समयानुसार रात 9.45 मिनट पर बैठक होगी। यह मुलाकात संयुक्त राष्ट्र महासभा में डोनाल्ड ट्रंप के भाषण के बाद होगी। हालांकि, इस मुलाकात का एजेंडा क्या होगा, इसकी जानकारी अभी तक नहीं दी गई है।  मोदी और ट्रंप की एक साल के भीतर यह तीसरी द्विपक्षीय बातचीत होगी। इससे पहले दोनों नेता जापान के ओसाका में जी-20 सम्मेलन के दौरान मिले थे और गर्मजोशी से बातचीत की थी। इस मुलाकात के अलावा, पीएम मोदी 24 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 'इकोन...