कोरोना तो शुरुआत आगे भी खामियाजा भुगतेगी दुनियां चीन की दुनिया को धमकी ।

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अमेरिका की ओर से दबाव बढ़ाए जाने के बाद चीन ने पूरी दुनिया को नुकसान झेलने की धमकी दी है. चीनी सरकार के नियंत्रण वाले अखबार ग्लोबल टाइम्स ने मंगलवार को छपे संपादकीय लेख में कहा है कि अमेरिका तमाम बड़े देशों को चीन के खिलाफ उकसा रहा है और अपने पक्ष में कर रहा है. इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा । चीन के प्रमुख अखबार में लिखी धमकी चीन के प्रमुख अंग्रेजी अखबार ने कहा है कि अमेरिका अपना प्रभाव बढ़ा रहा है और दुनिया इसका खामियाजा भुगतेगी. अमेरिका उन तमाम देशों को अपना समर्थन दे रहा है जिनसे चीन का क्षेत्रीय विवाद रहा है. अमेरिका पश्चिमी देशों के साथ-साथ एशियाई देशों को भी चीन के विरोध करने के लिए उकसा रहा है । चीनी अखबार ने कहा है कि चीन का बाजार अमेरिका के बराबर ही है. करीब 100 देशों के साथ चीन के व्यापारिक संबंध हैं, लेकिन अमेरिका ऐसे संबंधों को खराब करने की कोशिश कर रहा है. लंबे वक्त तक दुनिया को इसकी कीमत चुकानी होगी । क्या छपा है ग्लोबल टाइम्स में ? ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है - 'दुनिया को लंबे वक्त तक नुकसान झेलना होगा. फिलहाल जो कोविड-19 महामारी चल रही है वह सिर्फ पहली लहर ...

हिंदू मुस्लिम भाई चारे की खुली पोल सामने आया TOI का झूठ किसी मुस्लिम ने नहीं किया अंतिम संस्कार

विनोद ने बताया कि झूठी रिपोर्ट पढ़ने के बाद लोग उनसे पूछ रहे हैं कि क्या उनके पास अर्थी उठाने के लिए 4 लोग भी नहीं थे कि उन्होंने मुसलमानों से मदद माँगी? मृतक के भाई विनोद ने अपने बचत में से 35,000 रुपए ख़र्च किए लेकिन उन्हें इस बात का दुःख है कि मुसलमानों की वाहवाही के लिए ये सब प्रपंच रचा गया।
Times of India fake news

मीडिया के एक बड़े वर्ग में ये चूल मची रहती है कि वो ऐसी कहानियाँ तलाशे, जिसमें मुसलमानों ने हिन्दुओं की मदद की हो। जब ऐसी काहनी नहीं मिलती है तो फिर ख़ुद से ही बना दी जाती है। इसी तरह तेलंगाना के एक परिवार के बारे में ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ (TOI) में फेक न्यूज़ छपी कि वहाँ एक हिन्दू की मौत होने के बाद मुसलमानों ने मिल कर उसे कन्धा दिया और उसके अंतिम संस्कार की भी व्यवस्था की। खैरताबाद के 50 वर्षीय वेणु महाराज की 16 अप्रैल को एक हॉस्पिटल में मृत्यु हो गई थी। इस लेख को कोरेस्पोंडेंट प्रीति विश्वास ने लिखा था, जो अख़बार के हर संस्करण में छपा। हैदराबाद में इसे पहले पन्ने पर जगह दी गई।


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हैडिंग में लिखा गया कि 5 मुसलमानों ने मिल कर एक हिन्दू की लाश को कंधा दिया और उसका अंतिम संस्कार किया। मृतक पेशे से ऑटो ड्राइवर था, जिसकी मौत टीबी के कारण हुई थी। अख़बार में यहाँ तक दावा किया गया कि मुसलमानों ने पीड़ित परिवाए और अंतिम संस्कार में भाग लेने आए सम्बन्धियों के लिए भोजन की भी व्यवस्था की। अब सच्चाई सामने आई है। पता चला है कि पीड़ित परिवार झूठी ख़बर के कारण सदमे में है और ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहा है।


टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर निकली झूठी 

एक स्थानीय पत्रकार ने भी इस बात की पुष्टि की है। मृतक के भाई विनोद ने भी बताया कि ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में उनका जो बयान छपा है, उन्होंने ऐसा कुछ कहा ही नहीं है। टीओआई ने विनोद के हवाले से लिखा था कि उनके भाई की मौत के बाद घर-परिवार को देखने वाला कोई नहीं था। ‘स्वराज्य मैगजीन’ की स्वाति गोयल शर्मा से बात करते हुए विनोद ने बताया कि उनके भाई की मौत 16 अप्रैल को शाम 5 बजे हुई। इसके कुछ घंटों बाद मृत शरीर को घर लाया गया। इस बारे में विनोद ने आगे बताया ।

उस दिन महमूद अहमद नामक व्यक्ति भी हमसे मिलने आया, जो मेरे मृत भाई का दोस्त था। कुल 5 मुसलमान हमारे घर आए। एक के अलावा बाकियों को मैं पहचानता भी नहीं था। उनका व्यवहार अच्छा था। उन्होंने हमें खाने के कुछ पैकेट्स भी दिए, हमें सांत्वना दी और फिर चले गए। अगले दिन हमने उन सबको श्मसान घाट पर देखा। जब हमारे पक्ष के कुछ लोग अर्थी उठा रहे थे तो उन्होंने ही पूछा कि क्या वो मदद कर सकते हैं? हमें नहीं पता था कि ऐसा करते हुए उनकी तस्वीरें ली जा रही हैं। ऐसी स्थिति में किसी को नहीं पता होता कि आसपास क्या सब हो रहा है?”

चारो तरफ से घिरा चीन अब ऑस्ट्रेलिया ने की ये मांग

इसके बाद उनमें से एक ने विनोद को फोन दिया और कहा कि लाइन पर एक पत्रकार है, जो उनसे बात करना चाहता है। उसने ये भी दावा किया कि उनसे बात करने पर सरकार से कुछ मदद मिलेगी। इसके बाद विनोद ने जल्दी-जल्दी में पत्रकार से बातचीत की। दो दिनों बाद जब टीओआई में रिपोर्ट छपी तो परिवार को गुस्सा आया। उन्होंने कहा कि वो अपने समुदाय के बीच हँसी के पात्र बन गए हैं। उन्होंने कहा कि उनका परिवार बड़ा है और लॉकडाउन की वजह से सिर्फ़ 20 लोग जुटे थे, ऐसा कुछ नहीं था कि परिवार में लोगों की कमी थी।


नहीं किया मुस्लिमों ने अंतिम संस्कार 

विनोद ने बताया कि झूठी रिपोर्ट पढ़ने के बाद लोग उनसे पूछ रहे हैं कि क्या उनके पास अर्थी उठाने के लिए 4 लोग भी नहीं थे कि उन्होंने मुसलमानों से मदद माँगी? मृतक के भाई विनोद ने अपने बचत में से 35,000 रुपए ख़र्च किए लेकिन उन्हें इस बात का दुःख है कि मुसलमानों की वाहवाही के लिए ये सब प्रपंच रचा गया। मृतक के बेटे सचिन ने भी बताया कि बस्ती के लोगों ने उनके परिवार की हर तरह से मदद की। 5 मुसलमानों ने उनके पिता के दोस्त होने की बात कह के अर्थी को कंधा दिया और इसका फोटो पत्रकारों को दे दिया। सचिन ने कहा कि टीओआई में पड़ोसियों द्वारा साथ न देने की बात एकदम ग़लत है।
2 साल पहले ही सचिन की माँ की भी मृत्यु हो गई थी। अब फेक न्यूज़ की वजह से पूरा परिवार सदमे में है। सचिन ने कहा कि अंतिम संस्कार में उनकी बस्ती के लोगों ने परिवार की मदद की है, मुसलमानों ने नहीं। जबकि पत्रकार प्रीती विश्वास ने यहाँ तक दावा कर दिया कि उन्हीं मुसलमानों ने परिवार को पुलिस की अनुमति दिलाई, उनके खाने-पीने की व्यवस्था की और अंतिम संस्कार भी किया। साथ ही उन्होंने दावा किया कि उन्हीं मुसलमानों ने मकान मालिक से भी बात कर के उन्हें समझाया। इस पूरे मामले में घाघ TOI की पोल खुलती नज़र आ रही है।

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