कोरोना तो शुरुआत आगे भी खामियाजा भुगतेगी दुनियां चीन की दुनिया को धमकी ।

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अमेरिका की ओर से दबाव बढ़ाए जाने के बाद चीन ने पूरी दुनिया को नुकसान झेलने की धमकी दी है. चीनी सरकार के नियंत्रण वाले अखबार ग्लोबल टाइम्स ने मंगलवार को छपे संपादकीय लेख में कहा है कि अमेरिका तमाम बड़े देशों को चीन के खिलाफ उकसा रहा है और अपने पक्ष में कर रहा है. इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा । चीन के प्रमुख अखबार में लिखी धमकी चीन के प्रमुख अंग्रेजी अखबार ने कहा है कि अमेरिका अपना प्रभाव बढ़ा रहा है और दुनिया इसका खामियाजा भुगतेगी. अमेरिका उन तमाम देशों को अपना समर्थन दे रहा है जिनसे चीन का क्षेत्रीय विवाद रहा है. अमेरिका पश्चिमी देशों के साथ-साथ एशियाई देशों को भी चीन के विरोध करने के लिए उकसा रहा है । चीनी अखबार ने कहा है कि चीन का बाजार अमेरिका के बराबर ही है. करीब 100 देशों के साथ चीन के व्यापारिक संबंध हैं, लेकिन अमेरिका ऐसे संबंधों को खराब करने की कोशिश कर रहा है. लंबे वक्त तक दुनिया को इसकी कीमत चुकानी होगी । क्या छपा है ग्लोबल टाइम्स में ? ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है - 'दुनिया को लंबे वक्त तक नुकसान झेलना होगा. फिलहाल जो कोविड-19 महामारी चल रही है वह सिर्फ पहली लहर ...

डोनाल्ड ट्रंप ने हिंदू रीति रिवाज से व्हाइट हाउस में करवाया शांति पाठ ।

इस शांति पाठ की सलाह खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने दी थी और यह कोरोना वायरस (Coronavirus) वैश्विक महामारी से प्रभावित हर व्यक्ति के स्वास्थ्य, सुरक्षा और कुशलता के लिए कराया गया है ।


Modi trump

अमेरिका (US) में राष्ट्रीय प्रार्थना दिवस के मौके पर व्हाइट हाउस (White House) के रोज गार्डन में एक हिंदू पुजारी ने पवित्र वैदिक शांति पाठ (Hindu Shanti Path) कराया. मिली जानकारी के मुताबिक इस शांति पाठ की सलाह खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने दी थी और यह कोरोना वायरस (Coronavirus) वैश्विक महामारी से प्रभावित हर व्यक्ति के स्वास्थ्य, सुरक्षा और कुशलता के लिए कराया गया है. यह शांति पाठ पूरे हिंदू रीति-रिवाजों के साथ संपन्न कराया गया और इसके दौरान ट्रंप भी मौजूद रहे.

कौन थे पुुजारी ?

इस शांति पाठ के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद न्यू जर्सी के बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर के पुजारी हरीश ब्रह्मभट्ट को आमंत्रण भेजा था. इस मौके पर प्रार्थना करने के लिए हरीश ब्रह्मभट्ट के साथ अन्य धर्मों के नेता भी मौजूद रहे. ब्रहमभट्ट ने रोज गार्डन मंच से अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में कहा, 'कोविड-19, सामाजिक दूरी और लॉकडाउन के इस मुश्किल भरे समय में, लोगों का बेचैनी या अशांति महसूस करना असामान्य नहीं है. शांति पाठ ऐसी प्रार्थना है जिसमें दुनिया भर की शोहरत, सफलता, नाम की गुजारिश नहीं होती, न ही यह स्वर्ग जाने की इच्छा के लिए की जाती है.' उन्होंने संस्कृत में प्रार्थना करने से पहले कहा, 'यह शांति के लिए खूबसूरत हिंदू प्रार्थना है. यह यजुर्वेद से ली गई वैदिक प्रार्थना है ।

पहले संस्कृत में श्लोक पढ़ें फिर अंग्रेजी में समझाया
ब्रह्मभट्ट ने रोज गार्डन में शांति पाठ के दौरान संस्कृत में श्लोक पढ़ें और इसके बाद उन्होंने इस प्रार्थना का अंग्रेजी में अनुवाद किया. ब्रह्मभट्ट ने कहा, 'यह प्रार्थना स्वर्ग में शांति की बात करती है. धरती और आसमान में, जल में, पेड़-पौधों पर शांति, फसलों पर शांति हो. ब्रह्म पर शांति से लेकर हर जगह शांति हो और ईश्वर करे कि हम यह शांति महसूस कर सकें. ओम शांति, शांति, शांति ।


ट्रंप ने प्रार्थना कराने के लिए ब्रह्मभट्ट का शुक्रिया अदा किया. अपनी टिप्पणी में राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय प्रार्थना दिवस के दिन, अमेरिका बेहद भयावह बीमारी के खिलाफ उग्र जंग में उलझा हुआ है. उन्होंने कहा कि इतिहास में भी, हर प्रकार के चुनौतीपूर्ण समय में अमेरिकियों ने धर्म, आस्था, प्रार्थना और ईश्वरीय शक्ति पर भरोसा किया है. प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप ने कोविड-19 के कारण अपने प्रियजनों को गंवाने वाले परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की ।

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