दुनिया के सभी देश कोरोना से जीतने की कोशिशों में जुटे हैं लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने अब कोरोना को लेकर नई चेतावनी जारी की
कोरोना संकट से जारी लड़ाई हर दिन नई चुनौती लेकर आ रही है. चुनौती सिर्फ संक्रमित मरीज़ों के इलाज की नहीं है बल्कि संक्रमण की चेन तोड़ने की भी है. दुनिया के सभी देश इस महामारी से जीतने की कोशिशों में जुटे हैं लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने अब कोरोना को लेकर नई चेतावनी जारी की है. विश्व खाद्य कार्यक्रम के प्रमुख ने दावा किया है कि कोरोना महामारी भुखमरी भी फैलाएगी जिससे दुनिया में 25 करोड़ से ज़्यादा लोग प्रभावित हो सकते हैं ।
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हर बीतते दिन के साथ और गंभीर होते जा रहे कोरोना संकट ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है. सुपर पावर अमेरिका से लेकर चीन, स्पेन, ब्रिटेन और इटली जैसे देशों की अर्थव्यवस्थाओं को भी कोरोना वायरस ने जोरदार झटका दिया है. कई देशों की आर्थिक स्थिति तो इस कदर हिल गई है कि अब वहां या तो खाने की दिक्कत पैदा होने लगी है या फिर भविष्य में पैदा होने का संकट मंडराने लगा है।
कोरोना के इसी संकटकाल में संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम प्रमुख डेविड बेस्ले ने बड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि कोरोना का संकटकाल भविष्य में पूरी दुनिया के सामने भुखमरी या अकाल जैसी समस्या खड़ी कर सकता है. डेविड बेस्ले के मुताबित कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्थांए इस कदर कमज़ोर हो जाएंगी कि लगभग हर देश में रहने वाले कमज़ोर और पिछड़े लोगों पर ये संकट आ खड़ा होगा ।
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक भुखमरी का सबसे संकट यमन, कांगो, नाइजीरिया, हैती, इथियोपिया और सूडान जैसे गरीब देशों में रहने वाला है ... जबकि अफगानिस्तान, वेनेजुएला, सीरिया जैसे देशों में भी इसका असर देखने को मिलेगा । दरअसल WFP ने अपनी ग्लोबल रिपोर्ट ऑन फूड क्राइसिस में बताया है कि जारी की है.
रिपोर्ट में कहा गया है:
- कोरोना महामारी की वजह से कई देशों में अकाल पड़ने का खतरा है
- संकट से निपटने के लिए अभी से तैयारी जरूरी है.
- दुनिया के लगभग 26.5 करोड़ लोग भुखमरी की कगार पर होंगे.
- अकाल का असर गरीब और विकासशील देशों के लोगों पर ज़्यादा.
- 10 देश जिनमें संघर्ष, आर्थिक संकट और जलवायु परिवर्तन की स्थिति वहां भी संकट है.
- दुनिया के 30 से ज्यादा देशों में अकाल का संकट देखने को मिल सकता है.
- कोरोना से पहले भी पूर्वी अफ्रीका और दक्षिण एशिया में खाद्य संकट मौजूद है ।
मौजूदा संकट में यूएन की चेतावनी इसलिये ज़्यादा गंभीर कही जा सकती है क्योंकि आमतौर पर जब-कभी भी गरीब देशों पर ऐसा संकट आया है. अमेरिका, इंग्लैंड जैसे विकसित और अमीर देश मदद के लिये आगे आए हैं लेकिन कोरोना काल में बड़ी-बड़ी महाशक्तियों की अर्थव्यवस्थाएं भी डगमगा गई हैं।
दुनिया में बढ़ जाएंगे इतने गरीब !
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण का कहर झेल रहे गरीब देशों को बेलआउट पैकेज मुहैया नहीं करवाए गए तो दुनियाभर में 50 करोड़ से ज्यादा नए गरीब जुड़ जाएंगे. रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में इस वक्त गरीबों की आबादी 300 करोड़ से ज्यादा है जिसमें कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से करीब 20 प्रतिशत का इजाफा हो जाएगा और जबतक दुनिया इस महामारी से उबरेगी, तबतक दुनिया की 780 करोड़ में से करीब आधी आबादी, गरीबी के दलदल में फंस चुकी होगी. इस महामारी का सबसे ज्यादा असर सब-सहारा अफ्रीकी देशों पर पड़ेगा जहां गरीबी रोकने की लड़ाई 30 वर्ष पीछे चली जाएगी ।
आयेगी महामंदी ।
कोरोना वायरस की वजह से दुनिया ने लॉकडाउन का वो दौर देखा है जो ना पहले कभी सोचा गया था. ना कभी दिखा था. विकसित देशों से लेकर विकासशील देशों तक सब वायरस के आगे बेबस हैं. कोरोना की वजह से दुनिया के ज्यादातर उद्योग-धंधे ठप पड़े हैं. शेयर बाजारों में जबरदस्त गिरावट का दौर है और कई लोगों के सामने अभी से रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. यह स्थिति बद से बदतर हो सकती है
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